पृथ्वी पर ताप कटिबंध, गोलार्ध एवं ध्रुव क्या हैं?

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पृथ्वी पर ताप कटिबंध, गोलार्ध एवं ध्रुव क्या हैं?

आज की इस पोस्ट में हम आपको पृथ्वी पर ताप कटिबंध गोलार्ध एवं ध्रुवों के बारे में बताएंगे आशा है आप सभी लोगों को यह पोस्ट अवश्य पसंद आएगी।

गोलार्द्ध किसे कहते हैं? Golardh kise kahte hai?

गोलार्ध तथा ध्रुव का संबंध ग्लोब से होता है पूरे विश्व को दो भागों में बांट कर इसे दक्षिणी व उत्तरी गोलार्ध के नाम से जाना जाता है। भूमध्य रेखा से उत्तर की ओर के भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण के भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है। उत्तरी गोलार्ध में उष्ण कटिबंधता व शीतोष्ण कटिबंधता का क्षेत्र पाया जाता है। प्रत्येक गोलार्ध को ताप के आधार पर कई भागों में बांटा गया है इन भागों को कटिबंध कहते हैं ये निम्नलिखित हैं-

1. उष्ण कटिबंध-

विषुवत रेखा से 23 1/2 उत्तर एवं 23 1/2 दक्षिण के भाग को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहा जाता है। यहां वर्ष में दो बार सूर्य शीर्ष पर चमकता है। इस भाग का मौसम सदैव गर्म रहता है अर्थात विषुवत रेखा के दोनों ओर कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच का क्षेत्र उष्ण कटिबंध कहलाता है।

2. उपोष्ण कटिबंध-

30 डिग्री से 45 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों के बीच स्थित क्षेत्र, जहां कुछ महीने ताप अधिक और कुछ महीने ताप कम रहता है, उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र कहलाता है।

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3. शीतोष्ण कटिबंध-

45 डिग्री से 66 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी अक्षांश के बीच का क्षेत्र, यहां सूर्य सिर के ऊपर कभी नहीं चमकता है, बल्कि उसकी किरण तिरछी होती हैं। यहां पर तो आप हमेशा कम रहता है।

4. ध्रुवीय कटिबंध-

66 डिग्री से 90 डिग्री के मध्य स्थित क्षेत्र जहां ताप अत्यंत ही कम रहता है जिसके फलस्वरूप वहां बर्फ जमी रहती है।

ध्रुवों से आप क्या समझते हैं? Dhruvo se aap kya samajhte hai?

भूमध्य रेखा के उत्तरी गोलार्ध के अंतिम छोर वाले भाग को उत्तरी ध्रुव कहते हैं तथा दक्षिणी गोलार्ध वाले भाग के अंतिम छोर को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। दोनों ध्रुवों पर शीत कटिबंधीय क्षेत्र पाया जाता है

उत्तरी ध्रुव-

उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ तक पृथ्वी के एक भाग को छोड़कर सभी बड़े बड़े भू भागों की खोज हो चुकी थी। अब बड़े बड़े महाद्वीपों तथा पर्वतमालाओं की खोजें की जा रही थी। मुख्यतया अब केवल ध्रुवीय प्रदेशों की खोज बाकी थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि दक्षिणी ध्रुव और उत्तरी ध्रुव के चारों ओर एक विशाल महाद्वीप फैला हुआ है। भयानक ठंड के कारण वहां जल कठोर बर्फ बन जाता है। सालों से लोग उत्तरी- दक्षिणी ध्रुव के खतरे के बारे में अनुमान लगाते हैं। प्राचीन समय में यूनानी लोगों ने उत्तरी ध्रुव को खोजने की कोशिश की। उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला सफल प्रयास रॉबर्ट पियरे ने किया। रॉबर्ट पियरे अपने अंतिम प्रयास में सन 1908 में शेरीडन अंतरीप तक रुजवेल्ट नामक जहाज में गया।

दक्षिणी ध्रुव-

जब उत्तरी ध्रुव की खोज के प्रयास चल रहे थे उसी समय दक्षिणी ध्रुव के प्रति भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही थी। सन 1910 में फेल्कन स्कॉट ने अंटार्कटिका की ओर इस दृढ़ निश्चय के साथ प्रस्थान किया कि वह अवश्य दक्षिणी ध्रुव पहुंचेगा। सन 1912 में वह अपने दल के साथ दक्षिणी ध्रुव पहुंच गया लेकिन उसे नार्वे का झंडा लगा मिला। यह अक्टूबर सन 1911 को दक्षिणी ध्रुव में पहले पहुंचने वाले यात्री एमंडसन नामक व्यक्ति ने लगाया था।
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