सुनामी किसे कहते हैं? अर्थ, कारण एवं बचाव

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Tsunami kise kehte hain? नमस्कार दोस्तों Exam Notes Find में आपका स्वागत है। आज मैं आपके लिए भारतीय भूगोल विषय के अंतर्गत सुनामी किसे कहते हैं के बारे में संपूर्ण जानकारी दूंगा। इसे पढ़ने के बाद आप सुनामी से संबंधित समस्त प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम होंगे

सुनामी किसे कहते हैं?

विज्ञान की भाषा में सुनामी समुद्र में संरचित होने वाली तरंगों की एक श्रृंखला होती है जिसका तरंगदैर्ध्य लगभग 500 किलोमीटर और इनकी अवधि 10 मिनट से लेकर 2 घंटे तक हो सकती है।

सुनामी
Source: Pixabay

 

सुनामी का अर्थ (Meaning Of Tsunami)

सुनामी जापानी भाषा का शब्द है सुनामी शब्द दो शब्दों ‘Tsu’ और ‘nami’ से मिलकर बना है जिसमें tsu का अर्थ है- हर्बर( बंदरगाह) और nami का अर्थ है- तरंग।
अर्थात ऐसी तरंगे जो समुद्र तटीय क्षेत्रों( बंदरगाहों) को प्रभावित करती हैं, सुनामी कहलाती है। सुनामी शब्द की रचना जापान के उन मछुआरों ने की थी जिन्होंने कई बार खुले समुद्र में तरंगों की कोई विशिष्ट हलचल न होने के बावजूद भी बंदरगाह को उजड़ा हुआ देखा था।

सुनामी क्यों आती है?

सुनामी आने के मुख्यतः दो कारण होते हैं-

1 प्राकृतिक कारण
 

(A) भूकंप- समुद्र में जब भूकंप आता है तो समुद्र का जल ऊपर की ओर उठता है वह जल अपनी उसी अवस्था को प्राप्त करने के लिए नीचे की ओर गिरता है जिससे महासागर के चारों ओर गोलाकार तरंगों का निर्माण होता है। ये तरंगे कुछ इस प्रकार की होती हैं जैसे आप किसी पत्थर को पानी में फेंकते हैं तो पानी में गोलाकार तरंगे बनती हैं।

(B) ज्वालामुखी- जब ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा समुद्र में गिरता है तब समुद्र में धाराओं का निर्माण होता है जिससे जनजीवन प्रभावित होता है।

(C) हिमखंड- अगर आप ध्रुवीय या आर्कटिक वृत्त के आसपास के देशों की ओर ध्यान दें जैसे नार्वे, कनाडा, ग्रीनलैंड। यहां पर बहुत बड़े-बड़े हिमखंड पाए जाते हैं जब यह हिमखंड खिसक कर समुद्र में गिरते हैं तब समुद्र में विशालकाय लहरों का निर्माण होता है जिससे तटवर्ती क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित होते हैं।

(D) उल्का पिंड- जब कोई अंतरिक्ष से आने वाला उल्कापिंड पृथ्वी के महासागरीय क्षेत्र से टकराता है तब इस पिंड के टकराने के फल स्वरुप समुद्र में गोलाकार तरंगों का निर्माण होता है अतः यह भी सुनामी आने का एक कारण है।

(E) भूस्खलन- समुद्री क्षेत्रों के आसपास अत्यधिक वर्षा होती रहती है वर्षा के अत्यधिक होने के कारण भूमि के बड़े-बड़े टुकड़े खिसककर समुद्र में गिरते हैं जिससे सुनामी तरंगों का निर्माण होता है।

2. मानवीय कारण
 

परमाणु परीक्षण- जब किसी देश के द्वारा समुद्री क्षेत्रों में परमाणु परीक्षण किए जाते हैं तो समुद्र में भयंकर लहरें बनती हैं चे लहरें अत्यंत विनाशकारी होती हैं इससे निकटवर्ती क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। अतः यह भी एक सुनामी का रूप धारण कर लेती है।

भारत में सुनामी लहरें

26 दिसंबर 2004 को भारत के दक्षिणी राज्यों में भयंकर सुनामी आई थी। यह महाविनाश 1 – 5 लाख लोगों को लील गया, लाखों लोग बेघर हो गए। इससे इंडोनेशिया ,मलेशिया ,थाईलैंड ,श्रीलंका तथा मालदीव समेत भारत के तटवर्ती राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह तूफानी बवंडर सुमात्रा द्वीप के दक्षिण पूर्व में लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर उठा था। रिक्टर पैमाने पर 8.9 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने एशिया के दक्षिणी हिस्से को झकझोर दिया था। इस भूकंप ने अनेक छोटे-छोटे द्वीपों को कम से कम 20 मीटर तक खिसका दिया था। सुमात्रा के दक्षिण तटीय क्षेत्र में मौजूद कुछ छोटे-छोटे द्वीप दक्षिण पश्चिम की ओर खिसक गए थे। भारत के दक्षिणी राज्यों में कहर बनकर टूटी सुनामी लहरें अपने साथ हजारों जिंदगियों के अलावा अरबों रुपए की संपत्ति भी बहा ले गई। बुनियादी ढांचे में ही लगभग 800 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान लगाया गया है। इसके अतिरिक्त पर्यटन उद्योग में 175 करोड़ रुपए तथा लघु एवं मध्यम उद्योगों को 100 करोड़ रुपए से ऊपर का नुकसान हुआ है।

सुनामी से बचने के उपाय

1. समुद्र के तट से कम से कम 100 फीट ऊपर या 2 मील की दूरी पर आपातकालीन आश्रय लें।
2. पहले से निकासी मार्ग का अभ्यास करें और स्थानों की पहचान करें।
3. स्थान का चुनाव करते समय यह ध्यान अवश्य रखें कि आप किसी नदी के किनारे न हों।
4. भूकंप या समुद्र तट से तेजी से घटते पानी जैसे संकेतों पर ध्यान दें।
5. सुनामी आम तौर पर काफी सारी लहरों की श्रृंखला होती है इसीलिए आधिकारिक सूचना के बिना तटों के पास न जाए।
6. सुनामी के संकेतों को अनदेखा ना करें।

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